पहाड़ में अपने मकान के आगे भीड़े में बैठे डीएसपी साहब
पूछ रहे हैं अपनी शहर से आई भांजी को
ए लड़की बतो कुमर बुड़यां पीड़ कैस हैं
भांजी हैरानी से देख रही है डीएसपी साहब को
और पूछ रही है पास में खड़ी गांव की एक लड़की से
ये कुमर क्या होता है
गांव की लड़की ने मुस्कुरा कर
अपना हाथ आगे बढ़ाया और दुप्पटे से एक पीन निकाल कर
हाथ में चुभा हुआ कांटा निकाला
और कहा ये कुमर है
जिसकी पीड़ पहाड़ की हर स्त्री के भाग्य में है
कुमर घास में उसी तरह होता है जैसे गुलाब के चारों और कांटा
इसी लिए माली और पहाड़ की स्त्री ही जानते है
कांटा या कुमर बुढ़ने की पीढ़ कैसी होती है।