बांज की लकड़ियों की धूणी
ताकि आवाह्न हो उन देवताओं का
जो थापे गए हैं किसी धार में या सिमार में
लौटना पड़ता है ईजा की आंखों के इंतज़ार के लिए
क्यूंकि उसे मोबाइल का ए बी सी डी नहीं मालूम
उसे नहीं पता विडियो काल कैसे होता है ।
मगर हर साल हम नहीं लौट पाते हैं पहाड़
इसलिए ईजा अकेली ही समेटती है सारा असोज
और गाड़ियों की छत पर बड़े बड़े कट्टों में
भेजती है गहत,काले भट्ट,ककड़ी और मट्ठा
ताकि हम पहाड़ से दूर होकर भी पहाड़ को याद रखें
क्यूंकि वो जानती है हमने पहाड़ को छोड़ा है
पहाड़ ने हमको नहीं छोड़ा।