पहाड़ बुलाता है तो लौटना पड़ता है लौटना पड़ता है घास के लूटे लगाने के लिए लौटना पड़ता है फ़सल को समेटने के लिए लौटना पड़ता है जब लगाए जाते नौ पाट के दोलिंचे रमाई जाती है
दो साल बाद जब अपने घर पहाड़ गया, तो चूल्हे पर रोटी पकाते हुए ईजा, मुझे सुना रही थी एक वाक़या वाक़या कुछ यूं था कि